हरियाणा बजट में खिलाड़ियों का खुराक भत्ता बढ़ा, साइंस के छात्रों को भी तोहफा

गुरुग्राम। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बजट में दैनिक खुराक भत्ता 250 रुपये करने पर खिलाडयिों में जहां खुशी है। वहीं उनके इस कदम से खेलों को और प्रोत्साहन मिलेगा। खेल एसोसिएशन बार-बार सरकार से खिलाडयिों के खाने का भत्ता बढ़ाने की मांग करती रही हैं। खिलाडयिों में जोश और प्रतिभा को देख प्रदेश सरकार ने 2019-20 के मुकाबले 2020- 21 में खेल बजट में 12.83 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे गुरुग्राम के खिलाडयिों को अपने बेहतर भविष्य की उम्मीद जगी है। हरियाणा का बजट प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर  लिए उच्च स्तर का प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला किया है। इससे खिलादियों वित्तमंत्री पेश किया। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट खिलाडयिों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए दैनिक खुराक भत्ता 150 से बढाकर 250 रुपये करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश भर में 4000 खिलाडयिों को फायदा होगा। खेल एवं युवा मामले विभाग के लिए 394.09 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जो कि संशोधित अनुमान 2019-20 पर 12.83 प्रतिशत की अधिक है। खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा प्रदेश सरकार ने खाने का भत्ता बढ़ाकर खिलाड़ियों को मनोबल बाया है। मैं पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन करूंगी। खिला?यों को खुद खर्च करने पढ़ते थे। हरियाणा से बाहर के राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने पर खाने का बजट कम था। अब खाने का 250 रुपये होने से खिलाशियों का मनोबल और बढ़ गया है। वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएंगे। सरकार ने खिलाड़ियों को बढ़वा देने के लिए उच्च स्तर का प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला किया है। इससे खिलाशियों को खेलों में और गति मलेगी। मैं बेहतर प्रदर्शन कर गुरुग्राम का नाम रोशन करूंगी। खेल बजट में वृद्धि और उच्च स्तर के ।। खल बजट म वृद्धि आर उच्च स्तर क प्रशिक्षण खलने से खिलारियों को निजी संस्थानों में जाने की जररूत नहीं पडेगी। मैं इस फैसले से खुश हूं। इससे मेरे जैसे खेल प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा। सरकार ने खिलाडियों के लिए कदम उठाया है, वह सराहनीय है। इससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधरेगा। भविष्य के रास्ते आसान होने की उम्मीद है। भारतीय महिला कबड्डी टीम की कोच व अर्जुन अवार्डी सुनील डबास ने कहा कि हरियाणा की खेल नीति को पूरा देश देखता है,जो देश के लिए रोल मॉडल के रूप में सामने आती है। सरकार के 2020-21 बजट में खिलाड़ियों की डाइट बने स्वागत करती हूं। साथ ही उच्चस्तरीय प्रशिक्षण केंद्र की पूरे प्रदेश में जरूरत है। इससे हरियाणा के ज्यादातर खिलाड़ी ओलंपिक तक जा सकेंगे और पदक जितने में कामयाब होंगे। अर्जुन अवार्डी ने कहा कि नौकरियों में आरक्षण खिलाड़ी के लिए स्वागत योग्य कदम है पर पदक विजेता खिलाडी को चतुर्थ श्रेणी की बजाय द्वितीय व ततीय श्रेणी में, अंतरराष्टीय पदक विजेता खिलाड़ी को प्रथम श्रेणी में नौकरी दी जाए तो बेहतर होगा। हरियाणा सरकार प्रदेश को देश के स्पोर्टस हब के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सोनीपत के राई में प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित करेगा। इससे गरुग्राम के खिलाडियों को भी फायदा होगा। बतौर वित्तमंत्री हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहली बार बजट पेश करते हुए घोषणा की कि 98 खंडों में एक-एक नया मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खोले जाएंगे। विज्ञान विषय पढ़ने वालों को भी निशुल्क बस सुविधा दी जाएगी। भारत से बाहर के विश्वविद्यालयों तथा विदेश में रोजगार के अवसरों से अवगत कराने के लिए महाविद्यालयों में एक नई महत्वाकांक्षी योजना पासपोर्ट सहायता के लिए शुरू की यता क लिए शुरू का गई है. जिसके तहत अंतिम वर्ष के सभी विद्यार्थियों के पासपोर्ट निशुल्क बनाए जाएंगे। विज्ञान प्रोत्साहक भर्ती किए जाएंगे। टॉस ला लिपीबीसी आश्रित रखेंगी। कॉलेज और यूनिवर्सिटी में 1.80 लाख आय वाले परिवारों की बेटियों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा क्षेत्र को बजट का 15 प्रतिशत आवंटित किया गया है। 24 नई आईटीआई खोली जाएंगी। पंजाबी भाषा एनएसक्यूएसएफ के अधीन लाई जाएगी। सिरसा के पन्नीवाला मोटा राजकीय अभियांत्रिकी कॉलेज में अत्याधुनिक आदर्श कौशल केंद्र खलेगा। बैसाखी पर नया रोजगार पोर्टल शुरू होगा। एक लाख नए सरकारी रोजगार का लक्ष्य तय किया गया है। दिल का दौरा जानलेवा न हो जाए,इसके लिए सार्वजनिक स्थानों पर सोर्बिट्रेट की गोलियां मुफ्त रखी जाएंगी। बजट में कहा गया कि हरियाणा में वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक लाख 80 हजार रुपये से कम आय व पांच एक? से कम जमीन वालों को आयुष्मान भारत योजनाका लाभ मिलेगा। राज्य में कैथ लैब एमआरआइई सभी जिलों में होगी। अल्ट्रासाउंड हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होगा, जबकि वेंटीलेटर हर जिला स्तर पर होगा ।मनोहर सरकार उन पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी स्थानीय निकायों को भी भरपूर अनुदान प्रदान करेगी, जो वित्तीय तौर पर सुदृढ़ नहीं है। मुख्यमंत्री ने स्वयं केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग तथा अन्य स्रोतों की सहायता को मिलाकर हर विधानसभा क्षेत्र में 80 करो? के हिसाब से 7200 करो? रुपये वार्षिक धनराशि उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है।